भारत का इतिहास (मुख्य स्रोत) (1)

 भारत का इतिहास (मुख्य स्रोत) (1)
प्राचीन भारत 

भारत का इतिहास बहुत ही पुराना है इस ब्लॉग के माध्यम से हम प्राचीन भारत के इतिहास की चर्चा करेंगे यह ब्लॉग अत्यंत जानकारी से परिपूर्ण है सभी भारतीय लोगों को भारत का इतिहास जानना चाहिए आज भारत खंडित है इसके बहुत से हिस्से अन्य देशों के ओमेन प्रचलित हैं किन्तु पुराने सी में भारत एक बहुत ही बड़ा देश था वास्तव में इसे देश कहना भी उचित नहीं है यह कई दसों और छोटे छोटे राज्यों का एक समूह था जिस्र समय समय पर बहुत से धर्मों और मान्यताओं ने अपना अधिपत्य बनाया था 

भारत का नामकरण 
प्राचीन भारत को जंबू द्वीप, आर्याबर्त, ब्रह्मावर्त, भारतवर्ष आदि कहा गया है बाद में इसे पश्चिमी देशों से आने वाले विदेशियों ने इण्डिया रखा 
इसके आलावा इस देश का एक नाम हिदुस्तान भी कहा गया है वास्तव में भारत का नाम हिन्दुस्तान अर्ब देश के लोगों ने रखा 
जम्बू द्वीप भारत का प्राचीन नाम था मौर्य सम्राज्य में यह नाम काफी प्रचलन में था इसके आलावा भारतीय हिन्दू (सनातन) ग्रन्थों में भी इस देश का नाम जम्बू द्वीप बताया गया  

स्रोत 

इस ब्लॉग में दी गई जानकारी मुख्यत: अप्निजी अनुभवों तथा Youtube के विडियो चैनल 
Bundelkhand M Education से ली हैं जिसमे उन्होंने बताया है कि यह जानकारी NCERT की पुस्तकों से तथा अन्य विश्वसनीय ग्रन्थों से जानकारी दे रहे हैं इस लिए चंनल की जानकारी को सही मानते हुए सारी जानकारी सही देने का प्रयास किया गया है इस ब्लॉग में ह्सिर्फ़ उन घटनाओं की ही चर्चा करंगे जिनका लिखित और पुरात्विक साक्ष्य उपलब्ध है इसके आलावा हमरा इस ब्लॉग के माध्यम से किसी धर्म व्यक्ति अथवा किसी सम्प्रदाय को ठेस पहुँचाने का कोई भी उद्देश्य नहीं है फिर भी यदि कोई भी बात या प्रकरण इससे सम्बन्धित आता है तो इसके लिए ब्लॉग का लेखक किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है भारत के इतिहास का मुख्य स्रोत जैन ग्रन्थ,बौद्ध ग्रन्थ, ऐतिहासिक ग्रन्थ, विदेशियों का विवरण तथा पुरातत्व सम्बन्धी साक्ष्य हैं 

बौद्ध साहित्य 



बौद्ध साहित्य के व्ह्भाग जिसे त्रिपटिक कहा जाता है एक महत्वपूर्ण स्रोत है इसमें सुत्तपिटक, विनयपिटक और अधिधम्म पिटक मुख्य हैं जो कि पाली भाषा के ग्रन्थ हैं पाली भाषा मौर्य शासन काल की मुख्य भाषा थी 

सुत्तपिटक

इस महा ग्रन्थ में महत्मा बुद्ध के उपदेश संकलित हैं इसके अन्गत्तुर निकाय में सोलह जनपदों की चचा की गयी है यह भाग इस ग्रन्थ का एक महत्वपूर्ण भाग है 

विनय पिटक

इस ग्रन्थ के जरिये बौद्ध भिक्षुओं के दैनिक रहन सहन आदि के नियमों के बारे में चर्चा की गयी है 

अधिधम्म पिटक

इस ग्रन्थ में पशन उत्तर के माध्यम से भिक्षुओं के दार्शनिक सिद्धांतों का वर्णन किया गया है 

जैन साहित्य 



इस धर्म के साहित्य  को 'आगम या सिधांत' कहा जाता है इस धर्म के प्राचीन महाग्रन्थों को पूव्य कहा जाता है जैन धर्म के ग्रन्थ प्राकृत, मागधी तथा अर्ध मागधी भाषा में लिखे गए हैं जैन धर्म के कुछ मुख्य ग्रन्थ निम्न हैं                     

दृष्टिवाद 

इस ग्रन्थ में जैन धर्म कके सभी तीर्थंकरों के बारे में तथा उनके बाद के समय के बारे में जानकारी मिलती है 

भगवती सूत्र 

इस ग्रन्थ महावीर स्वामी तथा अन्य जैन मुनियों के बारे में बया गया है 

कल्प सूत्र 

इस गन्थ में जैन धर्म की प्रारम्भिक इतिहास के बारे में लिखा गया है इस ग्रन्थ की रचना जैन मुनि भद्र बाहू द्वारा की गयी है 

अन्य ग्रन्थ जो प्रचीन भारत के इतिहास के बारे में बताते हैं 

जैन धर्म तथा बौद्ध धम्म के आलावा अन्य ग्रन्थ भी लिखे गए हैं जिनमें भारत के प्राचीन इतिहास के बारे में जानकारी मिलती है इसी श्रंखला मन कुछ मुख्य ग्रन्थ निम्न हैं 

अर्थ शास्त्र 

यह ग्रन्थ चाणक्य द्वारा लिखा गया जिसमें मौर्य राजा चन्द्रगुप्त मौर्य के बारे में तथा उनके शासन के बारे में बताया गया है 
चाणक्य


अष्टाध्यायी 

महान पंडित तथा संस्कृत के व्याकरण की रचयिता पाणिनि द्वारा इस ग्रन्थ की रचना की गयी है इस ग्रन्थ में मौर्य काल से पहले का कुछ इतिहास तथा मौर्य काल का भी मिलता है इस ग्रन्थ संस्कृति के व्याकरण के नियम समझाये गए है 

हिस्टोरिका

इस ग्रन्थ की रचना हेरोडेट्स ने की ठी इस ग्रन्थ में 5 वीं शताब्दी के पूर्व में भारत के बारे में तथा भारत और ईरान के सम्बन्धों की चर्चा की गयी है हेरोडेट्स को इतिहास के जनक के रूप में भी जाना जाता है 

इंडिका 

इस पुस्तक की रचना मेगस्थनीज द्वारा की गयी है मेगस्थनीज राजा चन्द्रगुप्त के दरबार में सेल्यूकस निकेटर के राजदूत बन कर आये थे इस पुस्तक में मैरी कालीन रहन सहन और सामाजिक व्यबहार कला और संस्कृति आदि के बारे में बताया गया है सेल्यूकस निकेटर सिकन्दर के उत्तराधिकारी थे 

नेचुरल हिस्ट्री 

इस पुस्तक की रचना प्लिनी के द्वारा पहली शताब्दी में की गयी थी इस पुस्तक में भारत में पाए जाने वाले खनिज पदार्थों की जानकारी मिलती है 

सी-यु-की 

इस पुस्तक की रचना ह्वेनसांग नामक चीनी यात्री द्वारा की गयी थी यह सम्राट हर्ष बर्धन के शासन काल में भारत आये थे ह्वेनसांग ने इस पुस्तक में हर्ष बर्धन कालीन राज व्यवस्था के बारे में जानकारी दी है इसके अलावा इस पुस्तक में अपनी यात्रा के बारे में भी लिखा है 

तहकीक ए हिन्द 

इस पुस्तक की रचना अरबी भाषा में है इसे अलबरूनी या अबुरेहान ने की थी यह महमूद गजनवी के साथ भारत आये थे इस पुस्तक में भारत की संस्कृति और समाज के बारे में जानकारी दी गयी है इस पुस्तक को किताब उल हक़ के नाम से भी जाना जाता है अबुरेहान को अलबरूनी के नाम से जाना जाता था अलबरूनी ने सबसे पहले भारत को हिन्द नाम दिया था 

अभिलेख

अपीग्रफी (अभिलेखा शस्त्र) से अभलेखों का अध्यन किया जाता है सबसे पुराने अभिलेख हडप्पा सभ्यता (सिब्धू घाटी की सभ्यता) के माने जाते हैं किन्तु अभी तक इस सभ्यता के अभिलेखों को न तो पढ़ा जा सका है और न ही उन्हें ठीक से समझा जा सका है इसलिए सबसे पुराने अभिलेख सम्राट अशोक के अभिलेख माने जाते हैं 

सिक्के

सिक्के भी एक इतिहास जान्ने के स्रोत मन जाता है सिक्कों के अद्ध्यं को न्युमिस्मेटीक्स (मुद्रा शास्त्र) कहा जाता है भारत में पाए जाने वाले सबसे पुराने सिक्के 500 इ०पुर्व  के पाए गए हैं  इन सिक्कों को पंचमार्क या आहत कहा जाता है यह सिक्के अधिकाँश चांदी के हैं इन्हें साहित्य में काशार्पण कहा जाता है 

पुरातत्विक स्रोत 

भारत कुछ जगहों जैसे हडप्पा आदि में खुदाई आदि के दौरान कुछ खोजें हुई हैं इन्हें पुरातत्विक स्रोत कहा जाता है इस खुदाई और खोजों से पुरानी सभ्यताओं के बारे में जानकारी मिलती है 


दोस्तों यह ब्लॉग भारत के इतिहास के बारे लिखा गया है सभी भारतीयों को भारत के इतिहास के बारे में जानकारी होनी ही चाहिए आशा करता हूँ यह ब्लॉग आप को पसंद आया होगा कृपया अपनी राय जरूर दें धन्यबाद 



एक टिप्पणी भेजें

Thanks for comments

और नया पुराने