भगवान क्या है


भगवान क्या है 


भगवान क्या है 

    भगवान क्या है इस सवाल का उत्तर  बहुत ही कठिन हालाँकि सभी धर्म के लोगों ने अपने अपने तरीके से भगवान के बारे में बताया है और सिद्ध भी किया है इसके अलावा उनकी जैसी धारणा है वह उसे ही मानते हैं  बैसे मेरे विचार से भगवान एक ऐसी शक्ति है जिसके बारे में जानना समझना मनुष्य जैसे तुच्छ जीव के बस की बात नहीं है 

भगवान् की कल्पना 

 भगवान को मानने की मनुष्य को क्यों आवश्यकता पड़ी असल में जब मनुष्य ने धर्म को बनाया तब उस धर्म के एक ऐसे नायक की आवश्यकता पड़ी जो मनुष्य से भिन्न हो और बारे में अधिक कोई नहीं जनता हो प्रकृति की घटनाएं मनुष्य के लिए आश्चर्य का बिषय हमेशा ही रहा अब प्रश्न यह उठा की उन घटनाओं को करने बाला कौन है।  आलावा जब मनुष्य ने धर्म  को बनाया तो उसके भी नायक की भी आवश्यकता महसूस की गयी नायक भी ऐसा होना चाहिए था जिसको न  जनता हो और जो सबसे शक्तिशाली भी होना चाहिए  भगवान ही एक ऐसा विकल्प था  सबके सामने पेश किया गया हालाँकि सभी धर्मों की मूल शिक्षाएं लगभग एक सी ही हैं और मुख्य भगवान भी लगभग एक से ही हैं किन्तु कुच्छ परिवर्तन धर्म को अलग रूप देने  लिए किये गए जिससे उनका सम्प्रदाय दूसरों से अलग हो। इस प्रकार सभी धर्मों में अपने अपने तरिके से भगवान को लगे 

भगवान का डर 

  लोग निरंकुश न रहें इस लिए भगवान का डर लोगों के लिए बनाया गया इससे जो शक्तिशाली होते थे बो लोग भी भगवान से डरने लगे स्वर्ग और जन्नत तथा नर्क और जहन्नुम जैसी कल्पनाये भी की गयीं बताया यह जाता है कि  अच्छे कर्मों से स्वर्ग अथवा जन्नत और गलत कामो से जहन्नुम अथवा नर्क भोगना पड़ता है बस्तुतः जन्नत अथवा जहन्नुम कहाँ है अथवा किसी जीव का मरने बाद क्या होता है इसका ठीक ठीक किसी को भी अभी तक नहीं पता चला है हालाँकि कर्मों से मनुष्य का भविष्य बनता है ऐसा मेरा मानना है तथा ऐसा आप सामन्य जीवन में अनुभव भी कर सकते हैं फ़िलहाल यह अच्छी बात यह हुई कम से कम भगवान के डर से मनुष्य बुरे कर्म नहीं करता 

लेखक द्वारा 

कुल मिला कर भगवान वह शक्ति है जिसके बारे में मनुष्य के पास न तो इतनी सामर्थ्य हुई है और न ही इतनी शक्ति कि  वह  उसका करोड़ंवा भाग ही जान अथवा समझ सके किन्तु प्रकृति जिस प्रकार व्यवस्थित है उसका कोई न कोई व्यस्थापक जरूर होना चाहिए वह कौन है और क्या है मुझे अथवा आम मनुष्य इस बारे में सिर्फ कल्पना ही कर सकता है। किन्तु वह शक्ति मनुष्य की कल्पना से भी परे है 
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