google.com, pub-2628509943816374, DIRECT, f08c47fec0942fa0 google.com, pub-2628509943816374, DIRECT, f08c47fec0942fa0 चित्तौड़गढ़ किला: राजस्थान का वीरता भरा इतिहास

चित्तौड़गढ़ किला: राजस्थान का वीरता भरा इतिहास

 

🏯 चित्तौड़गढ़ किला, राजस्थान – शौर्य, बलिदान और इतिहास का अद्भुत संगम



चित्तौड़गढ़ किला, राजस्थान में स्थित भारत का सबसे बड़ा किला है, जो न सिर्फ अपनी भव्यता के लिए जाना जाता है, बल्कि यह शौर्य और बलिदान की अमर कहानियोंरानी पद्मिनी

महाराणा रत्न सिंहजौहर की घटनाओं

📜 ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

चित्तौड़गढ़ किले का निर्माण 7वीं शताब्दी में मौर्य वंशगहलोत वंश

के अधीन आया। इस किले ने अलाउद्दीन खिलजी, बहादुर शाह और अकबर

👑 रानी पद्मिनी और जौहर

सबसे प्रसिद्ध कथा रानी पद्मिनीरानी पद्मिनी ने अन्य रानियों के साथ मिलकर जौहर (आत्मदाह)

🧱 स्थापत्य एवं संरचना

  • किला लगभग 700 एकड़ में फैला है।
  • समुद्र तल से ऊँचाई – लगभग 180 मीटर
  • किले में प्रवेश के लिए 7 द्वार
  • प्रमुख स्थल: राणा कुंभा महल, पद्मिनी महल, विजय स्तम्भ, कीर्ति स्तम्भ

🏛️ मुख्य आकर्षण

  • पद्मिनी महल: रानी पद्मिनी का निवास स्थान
  • विजय स्तम्भ: महा पराक्रम का प्रतीक
  • कीर्ति स्तम्भ: जैन संतों की स्मृति में निर्मित
  • राणा कुंभा महल: ऐतिहासिक रहस्यों से भरा
  • काली माता मंदिर और गौमुख कुंड

📍 लोकेशन और विजिट जानकारी

  • स्थान: चित्तौड़गढ़, राजस्थान
  • समय: सुबह 9:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक
  • प्रवेश शुल्क: भारतीयों के लिए ₹50, विदेशियों के लिए ₹200
  • कैमरा शुल्क: अतिरिक्त ₹25–₹50 (प्रकार के अनुसार)

📸 यात्रा सुझाव

  • सुबह जल्दी जाएँ ताकि भीड़ कम हो
  • गाइड लें या ऑडियो गाइड का उपयोग करें
  • छायांकन के लिए विजय स्तम्भ और पद्मिनी महल आदर्श स्थान हैं

📌 निष्कर्ष

चित्तौड़गढ़ किला भारत के गौरवशाली अतीत का जीता-जागता उदाहरण है। यह किला वीरता, आत्मबलिदान और मर्यादा

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