भारतीय संस्कृति की विशेषतायें

 

भारत की संस्कृति ने प्राचीन काल से ही भाषा, धर्म, साहित्य, कला, सामाजिक व्यवस्था और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में आदर्श रचनात्मकता का पालन किया है। भारतीय धार्मिक चिंतन और जीवन में कुछ ऐसी विशिष्टताएँ हैं जो इसे अन्य संस्कृतियों से अलग करती हैं। भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह आदिकाल से ही आस्तिक संस्कृति रही है।
भारतीय संस्कृति का मूल मंत्र है 'आत्मान्व विज्ञान', अर्थात 'स्वयं को जानो'। यह एक ऐसा सिद्धांत है जो भारतीय दर्शन का केंद्रीय बिंदु रहा है। भारतीय संस्कृति के अनुसार, जीवन का उद्देश्य आत्म-साक्षात्कार प्राप्त करना और परमात्मा की शरण में जाना है। यह विचार भारतीय संस्कृति के हर पहलू में देखा जा सकता है, चाहे वह धर्म हो, साहित्य हो, कला हो या सामाजिक व्यवस्था।
भारतीय धार्मिक चिंतन के अनुसार, परमब्रह्म ईश्वर जीवों के कल्याण के लिए समय-समय पर अवतार धारण करते हैं। ये अवतार कभी मानव रूप में, कभी पशु रूप में, और कभी पक्षी रूप में होते हैं। इन अवतारों का मुख्य उद्देश्य दुष्ट व्यक्तियों का दमन करना और धर्म की रक्षा करना होता है। यह सिद्धांत भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे 'धर्म का सिद्धांत' कहा जाता है। धर्म का पालन भारतीय संस्कृति में अत्यधिक महत्व रखता है। भारतीय संस्कृति में यह माना जाता है कि हर व्यक्ति का जीवन एक उद्देश्य के साथ होता है। मानव जन्म को धर्मपूर्वक जीते हुए व्यक्ति को अंततः परमपिता परमेश्वर की शरण में जाना चाहिए। जीवन का यह उद्देश्य भारतीय संस्कृति में गहराई से निहित है और इसे प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को धर्म का पालन करना आवश्यक होता है। पुनर्जन्म का सिद्धांत भी भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस सिद्धांत के अनुसार, व्यक्ति अपने कर्मों के अनुसार विभिन्न योनियों में जन्म लेता है। अच्छे कर्म करने वाले व्यक्ति को पुनर्जन्म से मुक्ति मिल जाती है, जबकि दुष्कर्म करने वाले व्यक्ति को चौरासी लाख योनियों में बार-बार जन्म लेना पड़ता है। यह पुनर्जन्म का चक्र तब तक चलता रहता है जब तक व्यक्ति अपने कर्मों के फल से मुक्त नहीं हो जाता। भारतीय संस्कृति में कर्म का सिद्धांत अत्यधिक महत्व रखता है। यह माना जाता है कि व्यक्ति के कर्म ही उसके भविष्य को निर्धारित करते हैं। इस विचारधारा के अनुसार, अच्छे कर्म करने से व्यक्ति को जीवन में सुख-शांति प्राप्त होती है, जबकि बुरे कर्म करने से उसे दुख और कष्ट का सामना करना पड़ता है। यही कारण है कि भारतीय संस्कृति में अच्छे कर्मों पर जोर दिया गया है। भारतीय संस्कृति की एक और महत्वपूर्ण विशेषता इसकी सहिष्णुता है। यहाँ हर धर्म, हर पंथ, हर विचारधारा का स्वागत किया जाता है। भारत की संस्कृति ने हमेशा से विविधता में एकता को महत्व दिया है। यहाँ विभिन्न धर्मों, भाषाओं, और संस्कृतियों के लोग सदियों से एक साथ मिल-जुलकर रहते आए हैं। यह सहिष्णुता और विविधता भारतीय संस्कृति को अद्वितीय बनाती है। भारतीय संस्कृति में कला और साहित्य का भी महत्वपूर्ण स्थान है। यहाँ की कला और साहित्य ने सदियों से लोगों को प्रेरित किया है और समाज को दिशा दी है। भारतीय कला में धार्मिक और आध्यात्मिक तत्व प्रमुखता से दिखाई देते हैं। चाहे वह मंदिरों की वास्तुकला हो, मूर्तिकला हो, चित्रकला हो या संगीत हो, हर कला रूप में भारतीय संस्कृति के आदर्श और मूल्यों की झलक मिलती है। भारतीय साहित्य में भी धार्मिक और दार्शनिक विचारधाराओं का महत्वपूर्ण स्थान है। यहाँ के महान ग्रंथों, जैसे वेद, उपनिषद, रामायण, महाभारत आदि ने न केवल भारतीय समाज को बल्कि विश्व को भी प्रभावित किया है। इन ग्रंथों में जीवन के गूढ़ रहस्यों को सरल भाषा में समझाया गया है। भारतीय संस्कृति में सामाजिक व्यवस्था का भी महत्वपूर्ण स्थान है। यहाँ की सामाजिक व्यवस्था ने सदियों से लोगों को एक साथ बाँधकर रखा है। भारतीय समाज में परिवार का महत्व अत्यधिक होता है। परिवार को भारतीय संस्कृति का आधार स्तंभ माना गया है। यहाँ परिवार को जीवन के हर क्षेत्र में प्राथमिकता दी जाती है और यही कारण है कि भारतीय समाज आज भी अपने मूल्यों और परंपराओं के प्रति आस्थावान है। भारतीय संस्कृति की एक और महत्वपूर्ण विशेषता इसकी आध्यात्मिकता है। यहाँ का धर्म और दर्शन आध्यात्मिकता पर आधारित है। भारतीय धर्म ने हमेशा से आत्मा की शुद्धता और आत्म-साक्षात्कार पर जोर दिया है। यहाँ की आध्यात्मिकता ने न केवल भारतीय समाज को बल्कि पूरे विश्व को प्रभावित किया है। भारतीय संस्कृति में त्यौहारों का भी महत्वपूर्ण स्थान है। यहाँ के त्यौहार न केवल धार्मिक होते हैं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक भी होते हैं। ये त्यौहार लोगों को एक साथ लाते हैं और समाज में भाईचारे और प्रेम को बढ़ावा देते हैं। अंत में, यह कहा जा सकता है कि भारतीय संस्कृति अत्यधिक प्राचीन, गहन और विविधता से भरपूर है। यहाँ का धर्म, दर्शन, कला, साहित्य, सामाजिक व्यवस्था और जीवन के विभिन्न क्षेत्र मिलकर एक समृद्ध और अद्वितीय संस्कृति का निर्माण करते हैं। भारतीय संस्कृति ने सदियों से मानवता को नई दिशा दी है और आज भी यह संस्कृति विश्व में अपनी पहचान बनाए हुए है।

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