राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू: एक महिला के प्रेरणास्त्रोत

 राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू: एक महिला के प्रेरणास्त्रोत

द्रौपदी मुर्मू के बारे में शुरूआती जानकारी - 

द्रौपदी मुर्मू का जन्म सन 1998 को 20 जून को ओडिशा के मयुरभंज जिले के बेदापासी गाँव में हुआ था। इनका परिवार सन्थाल जनजाति से  सम्बन्धित थी । इनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू था। इनके परिवार प्रधानी शुरुआत से थी इनके पिता व दादा गाँव के प्रधान रहा चुके थे सन 2000 व 2009 में इन्होने बिधय्की का चुनाव भाजपा की और से लड़ा और यह विजयी हुईं । इसके अलावा 2000 से 2004 के मध्य इन्हें बीजू जनता दल और भाप गठबंधन की सरकार में पहले बाणिज्य, परिवाहन और बाद में मत्स्य और पशु संसाधन बिभाग में मंत्री का पदभार दिया गया द्रोपदी मर्मू झारखण्ड प्रदेश की पहली महिला व पहली दिवासी राज्यपाल बनी। इनका विवाह श्यामचरण मर्मू से हुआ जिसे इन्हें दो बेटे और एक बेटी हुई। इनके बेटो की मृत्यु हो गयी इनकी बेटी भुवनेश्वर में निवास करती है
भारत की पहली आदिवासी समुदाय की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का  जन्म ओड़िसा के मयुरभंज जिले के बैदपीसी गाँव आमीन हुआ था
सन 1997 में रायरंगपुर के पार्षद चुनाव में आपने हिस्सा लिया और अपनी जीत दर्ज करायी।  इसके बाद भाजपा के अनसुचित जाति के उपाध्यक्ष का पद सम्भाला इसके आलावा आप भाजपा के आदिवासी जनजाति मोर्चा की सदस्य भी रहीं। सन 2000 व 2009 के राज्यसभा के चुनाव में मयुरभंज के  रायरंगपुर सीट पर भाजपा पार्टी के प्रत्याशी से  चुनाव लड़ी और विजयी हुई। वहीं सन 2000 व 2004 में बीजू जनता दल व भाजपा के गठ्बन्धन सरकार में इन्होने पहले बाणिज्य,  परिवहन  का मन्त्रर पद तथा बाद में मत्स्य और पशु संसाधन बिभाग में मंत्री पद भार सँभाला। 2015 में द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड में राज्यपाल का पदभार सम्भाला यह झारखंड की 9वीं राज्यपाल थी। यह झारखण्ड प्रदेश की पहली महिला राज्यपाल भी हुईं। इसके साथ किसी भी राज्य की पहली आदिवासी समुदाय की राज्यपाल हुईं। 
राष्ट्रपति द्रोपदी मरमु, एक महिला सशक्तिकरण के प्रेरणास्त्रोत और समाज सुधारक हैं। उनका जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ था, लेकिन उन्होंने अपने साहस, समर्पण, और प्रियतमा के साथ समाज में अपनी महत्वपूर्ण जगह बनाई।

राष्ट्रपति द्रोपदी मरमु का जन्म और शिक्षा:

राष्ट्रपति मरमु का जन्म एक छोटे से गांव में हुआ था, जहां उनके माता-पिता ने उन्हें शिक्षा के महत्व को समझाया। उन्होंने अपनी शिक्षा में महत्वपूर्ण प्राधिकृत विषयों का अध्ययन किया और अपने ज्ञान को समाज के उद्देश्यों में लागू करने का संकल्प लिया।

समाज सेवा का संकल्प:

राष्ट्रपति मरमु ने बचपन से ही समाज सेवा के महत्व को समझा था। उन्होंने अपने युवावस्था से ही समाज में सुधार की दिशा में कदम उठाया और अपने प्रियजनों के साथ मिलकर समाज के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान किया।

महिलाओं के अधिकार की लड़ाई:

राष्ट्रपति मरमु ने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने के लिए आवाज उठाई। उन्होंने समाज में महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक अधिकारों की महत्वपूर्णता को बताया और उनके लिए समर्पित थे।

प्रेरणा के स्रोत:

राष्ट्रपति मरमु का जीवन हमें यह सिखाता है कि समाज में सुधार के लिए हमें समर्पण और साहस से काम करना चाहिए। उनकी प्रेरणादायक कहानी हमें महिलाओं के प्रति समाज का योगदान और उनके कर्तव्य को समझाता है 
राष्ट्रपति द्रोपदी मरमु ने अपने जीवन में महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की, समाज में सुधार किया, और समर्पण से सेवा की। उनकी महान प्रेरणा हमें यह सिखाती है कि हम सभी को अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पित होना चाहिए और समाज में सुधार के लिए हमें साहसपूर्ण कदम उठाने चाहिए।

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